About sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥
अभक्ते नैव दातव्यं read more गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः